आमिर खान (Aamir Khan) ने 1988 से 1998 के बीच 23 फिल्में की थीं, और इसमें से 14 फिल्में फ्लॉप रही थीं.
आमिर खान (Aamir Khan) जब भी किसी फिल्म को लेकर आते हैं, वह बेवजह नहीं होती है. फिर वह चाहे ‘रंग दे बसंती’ हो या फिर ‘3 ईडियट्स (3 Idiots)’ या ‘पीके’. हर फिल्म कुछ कहती है. जब भी वह अपनी इस लीक से हटते हैं तो सबकुछ गड़बड़झाला हो जाता हैऔर इसकी मिसाल ‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तान’ है. लेकिन अब वह फिर से कुछ अनोखा करने जा रहे हैं. ‘पीके (PK)’ में जहां उन्होंने एलियनबनकर भोजपुरी भाषा से रंग जमाया था. वहीं इस बार सिख कैरेक्टर निभाने जा रहे हैं. फिल्म का नाम है ‘लाल सिंह चड्ढा.’ लेकिन एकसमय ऐसा भी था जब आमिर खान की फिल्में बॉक्स ऑफिस पर कामयाबी की गारंटी नहीं हुआ करती थीं. आमिर खान ने 1988 से1998 के बीच 23 फिल्में की थीं, और इसमें से 14 फिल्में फ्लॉप रही थीं.
आमिर खान ने 1988 में ‘कयामत से कयामत तक (Qayamat Se Qayamat Tak)’ बॉलीवुड में कदम रखा था. इस फिल्म में जूहीचावला थीं और इसे उनके भाई मंसूर खान ने डायरेक्टर किया था. फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर धूम मचाकर रख दी. इसके बाद आमिरखान की फिल्म ‘राख (1989)’ आई. फिल्म ने नेशनल अवॉर्ड तो जीता लेकिन बॉक्स ऑफिस पर असफल रही. इसके बाद ‘लव लव लव(1989)’, ‘अव्वल नंबर (1990)’ और ‘तुम मेरे हो (1990)’ जैसी फिल्में की, लेकिन बॉक्स ऑफिस पर फिल्में मुंह के बल गिरीं.
फिर 1991 में उनके हाथ ‘दिल है कि मानता नहीं’ लगी और फिल्म हिट हो गई. 1992 में जहां उनकी ‘इसी का नाम जिंदगी’ और ‘दौलतकी जंग’ जैसी फिल्में फ्लॉप रही तो ‘जो जीता वही सिकंदर’ को यूथ के बीच काफी पसंद किया गया.
इसके बाद 1993 में उनकी ‘परम्परा’ फ्लॉप रही तो ‘हम हैं राही प्यार के’ सुपरहिट रही. फिर 1994 में उनकी ‘अंदाज अपना अपना’ करिश्मा नहीं कर सकी और तो 1995 में ‘बाजी’ और ‘आतंक ही आतंक’ फ्लॉप रही थीं. लेकिन ‘रंगीला’ में उनके मुन्ना के कैरेक्टर ने दिलजीता. इसी साल उनकी ‘अकेले हर अकेले तुम’ और फिल्म बॉक्स ऑफिस पर आई और गई. लेकिन आमिर ने 1996 में ‘राजाहिंदुस्तानी’, 1997 में ‘इश्क’ और 1998 में ‘गुलाम’ जैसी हिट फिल्में दीं.
लेकिन 1998 के बाद वह सबक सीखते नजर आए और उन्होंने फिल्मों की क्वांटिटी से ज्यादा फोकस उनकी क्वालिटी पर किया. फिरउन्होंने मजबूत टॉपिक और साल या दो साल में एक ही फिल्म लाने पर काम शुरू किया और वह आज भी इसी बात पर कायम हैं.