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Christmas 2020: क्रिसमस पर आए ‘किताबों वाले सांता’, फेस्टिवल सीजन का मजा होगा दोगुना

Christmas 2020 Rajkamal Prakashan Special Offer on Hindi Leterature Books

Christmas 2020: साल 2020 कई मायनों में न भूलने वाला रहा है. अब क्रिसमस 2020 ने भी दस्तक दे दी है. ऐसे में इस माहौल में क्रिसमस को कुछ कास तरीके से मनाना तो बनता है.

Christmas 2020: साल 2020 कई मायनों में न भूलने वाला रहा है. इस साल जहां कई दिग्गज सितारों और आम जनों को कोरोना वायरस की वजह से इस दुनिया खोया है तो वहीं एक लंबा अरसा घर में गुजारने पर भी मजबूर होना पड़ा है. बेशक कोरोना काल जारी है और वैक्सीन को लेकर दुनिया में कोशिशें जारी हैं. इस बीच क्रिसमस 2020 (Christmas 2020) ने भी दस्तक दे दी है. ऐसे में इस माहौल में क्रिसमस को कुछ कास तरीके से मनाना तो बनता है. यह काम, राजकमल प्रकाश ने ‘किताबों वाले सांता’ के जरिये किया है. इस पहल के तहत कोई भी व्यक्ति राजकमल के जरिये अपने दोस्तों और करीबियों के पसंदीदा लेखकों-कवियों की किताबें क्रिसमस के उपहार स्वरुप भिजवा सकता है. इसके लिए पाठकों की रुचि को ध्यान में रखकर प्रकाशन समूह ने विभिन्न विधाओं और विषयों की किताबों के पचास सेट घोषित किए हैं, ताकि लोग उपहार देने के लिए पसंदीदा किताबें आसानी से चुन. इन पर तीस प्रतिशत की छूट भी दी जाएगी.

किताबों वाले सांता द्वारा तैयार किए विशेष सेट में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित हिंदी कवियों की किताबें और वह चर्चित उपन्यास हैं, जिनपर बेहतरीन फ़िल्में बन चुकी हैं. गांधी-साहित्य, स्त्री विमर्श, आत्मकथा, यात्रा-वृत्तान्त, जीवनी, कहानी-संग्रह, ऐतिहासिक उपन्यास, दस्तावेजी साहित्य और विभाजन विषयक चर्चित किताबें भी इनमें शामिल हैं. पाठकों की रुचि का ध्यान रखते हुए इन सेटों में गीतकार गुलज़ार की ‘पाजी नज़्में’, स्वानंद किरकिरे की ‘आपकमाई’ एवं पीयूष मिश्रा की ‘कुछ इश्क किया कुछ काम किया’ सरीखी बेस्टसेलिंग काव्य-कृतियां भी शामिल की गई हैं. 

राजकमल प्रकाशन समूह के प्रबंध निदेशक अशोक माहेश्वरी ने कहा, ‘साल बीतते-बीतते क्रिसमस (Christmas 2020) की छुट्टियों का इंतजार सबको रहता है. उससे भी अधिक इंतजार रहता है सांता बनने का या सांता के आने का! सांता विस्मयकारी खुशियां लेकर आते हैं. विस्मय कुछ नए का, निःस्वार्थ प्रेम का. सांता ज्ञान के विस्मय से भी भर सकते हैं. इस बात को ध्यान में रखते हुए हमने इस बार पुस्तक प्रेमियों के लिए विशेष पहल की है कि वे इस बार किताबों वाले सांता बनें और अपनी पसंद की किताबों के तोहफे से अपने मित्रों-परिचितों को विस्मित करें. उन्होंने कहा, ज्ञान की खुशी की  तुलना किसी और खुशी से नहीं हो सकती. यह खुशी हम समाज के सभी लोगों तक पहुँचाना चाहते हैं.’

उन्होंने बताया, ज्ञानपीठ पुरस्कार सम्मानित हिंदी कवियों में महादेवी वर्मा की ‘यामा’, सुमित्रानंदन पन्त की ‘चिदम्बरा’, रामधारी सिंह दिनकर की ‘रश्मि लोक’, कुंवर नारायण की ‘इन दिनों’ और  केदारनाथ सिंह की ‘अकाल में सारस’ जैसे काव्य-संग्रहों के सेट तैयार किये हैं. वे उपन्यास जिनपर मशहूर फ़िल्में बनी हैं उनके भी सेट तैयार किए गए हैं इनमें ‘देवदास’, ‘चित्रलेखा’, ‘साहब बीवी गुलाम’, ‘उमराव जान अदा’ आदि उपन्यास हैं.

गांधी साहित्य के सेट में ‘गाँधी की मेजबानी’, ‘गाँधी और अकथनीय’, ‘महात्मा गाँधी: जीवन और दर्शन’, ‘गाँधी: एक असंभव सम्भावना’ जैसे उपन्यास शामिल हैं. दस्तावेजी साहित्य में ‘भगत सिंह को फांसी-1’, ‘भगत सिंह को फांसी-2’, ‘भगत सिंह और उनके साथियों के दस्तावेज़’ और ‘क्रांतिवीर भगत सिंह’ पुस्तकें हैं. विभाजन पर केन्द्रित पुस्तकों में खुशवंत सिंह ‘पाकिस्तान मेल’, भीष्म साहनी ‘तमस’ आदि शामिल हैं. कालजयी रचनाओं में ‘राग दरबारी’, ‘मैला आँचल’, ‘आधा गाँव’, ‘बूँद और समुद्र’ आदि उपन्यास हैं.

अगर कोई व्यक्ति इन सेटों के अतिरिक्त राजकमल प्रकाशन (Rajkamal Prakashan) समूह की अन्य किताबों में से उपहार देने के लिए चुनेगा तो उसे उन किताबों पर भी बीस प्रतिशत की छूट दी जाएगी. यह विशेष पहल 31 जनवरी, 2021 तक जारी रहेगी.

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