हिंदी के प्रख्यात कवि मंगलेश डबराल (Manglesh Dabral) का निधन हो गया है. साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित मंगलेश डबराल का बुधवार को कार्डियक अरेस्ट से निधन हो गया.
हिंदी के प्रख्यात कवि मंगलेश डबराल (Manglesh Dabral) का निधन हो गया है. साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित मंगलेश डबराल का बुधवार को कार्डियक अरेस्ट से निधन हो गया. वे 72 वर्ष के थे. मंगलेश डबराल पिछले कुछ दिन से बीमार चल रहे थे और उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी. पहले उनका गाजियाबाद के एक निजी अस्पताल में चल रहा था, लेकिन हालत बिगड़ने के बाद उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया. मंगलेश डबराल ने एम्स में आखिरी सांस ली. मंगलेश डबराल (Manglesh Dabral) का जन्म 14 मई, 1949 को टिहरी गढ़वाल, के काफलपानी गांव में हुआ था. उनकी शिक्षा देहरादून में ही हुई थी. मंगलेश डबराल ने कई प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में काम किया. 1963 में वह जनसत्ता से जुड़े थे और यहां साहित्य संपादक का कार्यभार संभाला था. मंगलेश डबराल ने सहारा समय में भी काम किया था.
#विनम्रश्रद्धांजलि
वरिष्ठ कवि मंगलेश डबराल अब नहीं रहे
वाणी प्रकाशन ग्रुप की ओर से विनम्र श्रद्धांजलि🙏#Vani58 pic.twitter.com/8ilTHvacob— Vani Prakashan (@ReadWithVani) December 9, 2020
मंगलेश डबराल (Manglesh Dabral Books) की प्रकाशित किताबेंः
कविता संग्रह: पहाड़ पर लालटेन, घर का रास्ता, हम जो देखते हैं, आवाज भी एक जगह है और नये युग में शत्रु
गद्य संग्रह: लेखक की रोटी और कवि का अकेलापन
यात्रा वृत्तांतः एक बार आयोवा
मंगलेश डबराल (Manglesh Dabral Awards) को सम्मानः
मंगलेश जबराल को उनके काव्य संग्र ‘हम जो देखते हैं’ के लिए 2000 में साहित्य अकादेमी पुरस्कार से नवाजा गया. उनकी कविताओं का अनुवाद इंग्लिश, रूसी, जर्मन, डच, स्पैनिश, पुर्तगाली, इतालवी, फ्रांसीसी, पॉलिश और बुल्गारियन में भी हो चुका है.